महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की रीढ़ है, लेकिन वर्षों से यह योजना फर्जी हाजिरी और भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रही है। अब केंद्र सरकार ने इन धांधलियों पर नकेल कसने के लिए एक अभूतपूर्व और तकनीकी समाधान लागू किया है।
मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों की हाजिरी अब पारंपरिक तरीके से नहीं, बल्कि चेहरा पहचान प्रणाली (Face Authentication) के माध्यम से लगेगी। यह कदम योजना में शत-प्रतिशत पारदर्शिता लाने और सरकारी धन के दुरुपयोग को रोकने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
क्या है Mnrega Face Authentication और यह कैसे काम करेगा?
नई प्रणाली को लागू करने के लिए, सभी सक्रिय मनरेगा श्रमिकों का ई-केवाईसी (e-KYC) और आधार डेटा से फोटो मिलान अनिवार्य कर दिया गया है।
MNREGA New Attendance System हाजिरी का नया तरीका (Step-by-Step):
- विशेष ऐप का उपयोग: कार्यस्थल पर मौजूद मेट या संबंधित अधिकारी एक विशेष मोबाइल एप्लीकेशन (जैसे NMMS App) का उपयोग करेंगे।
- तस्वीर लेना: मजदूर की उपस्थिति दर्ज करने के लिए उसी समय उसकी लाइव तस्वीर ली जाएगी।
- आधार से सत्यापन: यह लाइव तस्वीर तुरंत आधार डेटाबेस में दर्ज श्रमिक के फोटो से मिलाई जाएगी।
- हाजिरी दर्ज: केवल तभी हाजिरी स्वीकार की जाएगी जब दोनों तस्वीरें सफलतापूर्वक मैच हो जाएंगी।
- फर्जी हाजिरी पर रोक: यदि कोई व्यक्ति फर्जी तरीके से हाजिरी लगाने की कोशिश करता है या काम पर मौजूद नहीं है, तो उसका चेहरा आधार से मेल नहीं खाएगा और उसकी हाजिरी दर्ज नहीं हो पाएगी।
यह तकनीक सुनिश्चित करती है कि केवल योग्य और वास्तविक मजदूर ही अपना वेतन पाएं, जिससे बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।
Mnrega EKYC (ई-केवाईसी) क्यों है अत्यंत महत्वपूर्ण?
फेस ऑथेंटिकेशन प्रणाली की सफलता पूरी तरह से मजदूरों के ई-केवाईसी पर निर्भर करती है।
- अनिवार्य शर्त: जिन मजदूरों का ई-केवाईसी पूरा नहीं होगा, उनका डेटा आधार से नहीं जुड़ पाएगा। ऐसे में उनकी हाजिरी नई प्रणाली से नहीं लगेगी और वे अपनी मजदूरी से वंचित रह जाएंगे।
- प्रशासन की पहल: प्रशासन ने सभी ग्राम पंचायतों में ई-केवाईसी प्रक्रिया को युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है। श्रमिकों को यह प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
यह बदलाव मनरेगा के फंड को सीधे योग्य हाथों तक पहुंचाने का सबसे मजबूत माध्यम है।
भ्रष्टाचार पर लगाम: एक सकारात्मक संदेश
मनरेगा की इस नई तकनीक ने ग्राम पंचायत के अधिकारियों, कर्मचारियों और मेटों के बीच एक सख्त संदेश भेजा है। अब फर्जी मस्टर रोल बनाना, एक ही व्यक्ति को कई जगह हाजिर दिखाना या काम किए बिना भुगतान कराना संभव नहीं होगा।
सरकार का यह निर्णय प्रशासनिक जवाबदेही को बढ़ाएगा और ग्रामीण विकास की सबसे बड़ी योजना को और अधिक विश्वसनीय एवं पारदर्शी बनाएगा। यह करोड़ों ईमानदार मजदूरों के लिए राहत की बात है और उन सभी भ्रष्ट तत्वों के लिए चेतावनी है जो गरीबों के हक का पैसा खाने की कोशिश करते थे।