सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 3
सभी नागरिकों को सूचना का अधिकार (All Citizens shall have the Right to Information)
यह धारा आरटीआई अधिनियम की आत्मा है। यह स्पष्ट रूप से घोषित करती है कि भारत के प्रत्येक नागरिक को सरकार से जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है। यह अधिकार एक शक्तिशाली हथियार है जो जनता को सरकार और उसके अधिकारियों से सीधे सवाल पूछने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की शक्ति देता है। यह नागरिकों को एक दर्शक से एक भागीदार में बदलता है, जिससे हमारा लोकतंत्र मजबूत होता है।
1. सूचना का अधिकार
मूल पाठ (हिंदी):
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 का अध्याय 2, धारा 3: सभी नागरिकों को सूचना पाने का अधिकार है।
आपकी टिप्पणी: यह धारा आपके मौलिक अधिकार की पुष्टि करती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको सूचना मांगने के लिए कोई कारण या उद्देश्य बताने की आवश्यकता नहीं है। जैसा कि भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने स्पष्ट किया है (फा. सं. 12/238/2014-आई आर, दिनांक 2 जून 2014 और फा. सं. 12/55/2019-आई आर, दिनांक 27 अगस्त 2019), आरटीआई आवेदन दायर करने के लिए किसी कर्मचारी या नागरिक के खिलाफ कोई कार्रवाई या आरोप पत्र दाखिल नहीं किया जा सकता है। इसका मतलब है कि आप बिना किसी डर के जानकारी मांग सकते हैं।
Original Text (English):
Chapter 2, Section 3 of RTI Act 2005: All Citizens shall have the Right to Information.
Your Note: This section confirms your fundamental right. The most important part is that you are not required to give any reason for seeking information. As clarified by the Department of Personnel and Training (DoPT), Government of India (F. No 12/238/2014-IR, dated 2 June 2014 & F. No 12/55/2019-IR, dated 27 August 2019), no action or charge sheet can be filed against a citizen or employee for filing an RTI application. This means you can seek information without any fear of reprisal.